
सबसे पहले अहमदाबाद विमान हादसा और केदार धाम यात्री ओर क्रू मेंबर की दर्दनाक मृत्यु पर गहरा शोक व श्रद्धांजलि तथा उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।
चारधाम यात्रा की शुरुआत के लगभग सवा महीने में पांचवां हवाई विक्रम यानी हेलीकॉप्टर, सैकड़ों लोगों से इन्हीं हेलीकॉप्टर की बुकिंग के नाम पर धोखाधडी होती रही है। उत्तराखंड डीजीसीए सिर्फ सरकार के लिए राजस्व इक्कठा करने में जुटी है। ऑटो विक्रम की तरह केदारनाथ दर्शन के लिए सभी मानकों को ताक में रख कर हवा में भी जाम लगाने की कोशिश। स्कूटर, कार के उम्र के लिए मानक बना दिए पर एविएशन डिपार्टमेंट के लिए सरकार के कोई मानक व नियम नहीं, इसी का नतीजा अहमदाबाद टू लंदन एयर इंडिया विमान हादसा ।
ओर अब गौरी कुंड के पास बुग्याल में हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया जिसमें पायलट सहित कुल 7 लोग जिसमें एक बच्चा भी शामिल सभी लोगों के काल के ग्रास बनने का अंदेशा है। लगातार बारिश और दुर्गम क्षेत्र होने के कारण वहां तक सहायता नहीं पहुंच पाई,जिसके लिए प्रयास किए जा रहे। सुबह 5.30 बजे केदारनाथ के लिए निकले जो गौरी कुंड के पास प्रथम दृष्टीयता खराब मौसम के चलते दुर्घटनाग्रस्त हो गया। अभी एक सप्ताह पूर्व ही फाटा हेलीपैड से हेलीकॉप्टर केदारनाथ से उड़ान भरते ही सड़क पर गिर गया सवारियों की जान तो बच गई मगर कई कर क्षतिग्रस्त हो गए।
इन्हीं हेलीकॉप्टर सवार लोगों को लेकर कई बार मंदिर समिति ओर पुलिस कर्मियों तथा लाइन में लगे श्रद्धालुओं के बीच झड़प, मारपीट, झगड़े होते रहे हैं फिर भी सरकार आंखे मूंदे बैठी है। प्रश्न यह उठता है कि जब भोले बाबा केदार घाटी में शांति से एकांत में निमग्न रहने गए थे किंतु लालची लोगों ने एक दो नहीं बल्कि शहर में चलने वाले एक के पीछे एक विक्रम की तरह एयर ट्रैफिक और साउंड पॉल्यूशन बड़ा दिया है। जंगल और पहाड़ों के शांत वातावरण को प्रदूषित कर रही सरकार ओर सभी मानकों को ताक में रख कर हवाई विक्रम के जरिए सवारियां डोहनें में व्यस्त हैं और लोग भी जल्दी ओर आराम के चक्कर में इन हवाई विक्रमों में सवार होने का रिस्क उठा रहे।
सरकार से आग्रह है कि यात्रा विजीटर्स की संख्या बढ़ा कर वाहवाही लूटने की बजाय पुराने स्वरूप एवं नियम अनुसार ही 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को सिर्फ पैदल मार्ग द्वारा ही केदार बाबा के दर्शन करने की अनुमति दे, केदारनाथ या चार धाम कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है जा बच्चे या मैरिड कपल एंजॉय करने जाएं। कई बार नशा और शराब की बोतल भी केदारनाथ तक देखी गई।,भगवान की तपस्या भंग करेंगे तो भस्म होना भी तय है जिस वजह से आपदा बार आर आग्रह कर रही है कि वानप्रस्थ और संन्यास आश्रम जाने योग्य लोग ही चार धाम यात्रा के पात्र हो ताकि चार धाम की पवित्रता बरकरार रहे। यहां तक कि घोड़े खच्चर और पिट्ठू भी नहीं चलना चाहिए गौरीकुंड से केदारनाथ या जानकीचट्टी से यमुनोत्री या माणा गांव से सरस्वती नदी स्वर्गारोहण मार्ग पर। जो श्रद्धालु पैदल चल सकता हो सिर्फ उसी को ही चार धाम यात्रा की परमिशन मिलनी चाहिए। 100 से 150किलो के जवान ओर युवा लोग भी बड़ी बेशर्मी से खच्चर और पालकी में केदारबाबा के दर्शन को जाकर खच्चर पर भी अत्याचार कर रहे ओर पैदल यात्रियों के लिए भी मुसीबत बन रहे। सरकार सिर्फ राजस्व न देखे बल्कि तीर्थस्थल की मान्यता ओर ईश्वर की प्राकृति का भी ध्यान दे। टोकन सिस्टम ढंग से लागू हुआ ही नहीं, न ही प्रॉपर चेकिंग व्यवस्था व सुरक्षा इंतज़ाम ही है पूरी यात्रा बस राम भरोसे है। शंभो के प्रकोप से बचना है तो घोड़े खच्चर, पिट्ठू, पालकी ओर हेलीकॉप्टर पर पूर्ण प्रतिबंध लगा कर पचास वर्ष से अधिक उम्र वालों को ही यात्रा परमिशन दे, ओर रजिस्ट्रेशन के समय पूरी जानकारी सहित यात्रा शुल्क लिया जाए।