
उत्तराखंड प्रदेश काँग्रेस महामंत्री नवीन जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा सरकार को तीन साल पूरे हो चुके हैं, और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसे जश्न के रूप में मना रहे हैं। लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या वास्तव में यह जश्न मनाने का समय है, या सरकार को राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए?
पिछले तीन वर्षों में जनता ने जिन उम्मीदों के साथ भाजपा सरकार को समर्थन दिया था, वे पूरी नहीं हुईं। विकास कार्य ठप पड़े हैं, बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है, महंगाई आम आदमी की कमर तोड़ रही है, और भ्रष्टाचार के मामलों की बाढ़ आ गई है। सरकार ने जनता की मूलभूत समस्याओं पर ध्यान देने के बजाय दिखावटी कार्यक्रमों और प्रचार पर जोर दिया है।
श्री जोशी ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर होती जा रही है। महिलाएँ और बच्चियाँ खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
• अंकिता भंडारी हत्याकांड का न्याय आज तक अधूरा है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के बजाय, भाजपा से जुड़े आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं।
• राजधानी देहरादून में 13 साल की बच्ची के साथ बलात्कार जैसी घटना इस सरकार की नाकामी को उजागर करती है।
• उत्तरकाशी में चार दलित बहनों के साथ बलात्कार हुआ, लेकिन क्या उन्हें न्याय मिला?
• उत्तराखंड जो कभी शांतिपूर्ण प्रदेश था, वहाँ अब महिला अपराधों के मामले में हिमालयी राज्यों में सबसे आगे पहुँच चुका है।
श्री नवीन जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों के नाम पर युवाओं के साथ धोखा किया गया।
• UKSSSC भर्ती घोटाला, पटवारी पेपर लीक— इन घोटालों में भाजपा नेताओं की संलिप्तता सामने आई, लेकिन दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
• बेरोजगार युवाओं की आवाज को दबाया जा रहा है। जो युवा नौकरी की माँग लेकर दून आए, उन्हें पीटा गया, यहाँ तक कि एक युवक ने जान तक गँवा दी।
सरकार की नीतियाँ पूरी तरह विफल
• युवाओं को रोजगार देने के कितने वादे पूरे हुए?
• महंगाई और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए क्या ठोस कदम उठाए गए?
• स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे में क्या सुधार हुआ?
इन तीन सालों में जनता को सिर्फ परेशानियाँ झेलनी पड़ी हैं, और उनकी आवाज को अनसुना किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जश्न मनाने की बजाय जनता से माफी माँगनी चाहिए। उत्तराखंड की जनता अब सरकार की सच्चाई को समझ चुकी है, और आने वाले चुनावों में इसका जवाब जरूर देगी।