प्रदेश के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने समस्त प्रदेशवासियों को लोकपर्व ‘हरेला’ की शुभकामनाएं दी हैं।
प्रदेश के संस्कृति, पर्यटन, धर्मस्व, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में मनाया जाने वाला लोकपर्व ‘हरेला’ सावन के आने का संदेश है। इस पर्व के पीछे फसल लहलहाने की कामना है, खुशहाली का आशीष है, बुजुर्गों का आर्शीवाद है। उन्होंने कहा कि हरेला पर राज्य सरकार ने प्रदेशभर में वृहद स्तर पर पौधारोपण करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरेला पर्व पर होने वाले पौधारोपण अभियान को एक व्यापक जनांदोलन के रूप में लिया जाए।
संस्कृति मंत्री श्री महाराज ने कहा हरेला चैत्र माह में फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। जबकि श्रावण माह में इसे हरियाली और समृद्धि के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है और अश्विन माह में इसे सर्दियों के आगमन के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। हरेला के दिन लोग एक छोटे बर्तन या टोकरी में पांच से सात प्रकार के अनाज के बीज बोते हैं और नौ दिनों तक उनकी पूजा करते हैं। दसवें दिन, वे अंकुरित अनाज काटते हैं और उन्हें सौभाग्य और समृद्धि के प्रतीक के रूप में पहनते हैं।
उन्होंने कहा कि लोग इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा भी करते हैं। यह किसानों के लिए एक शुभ दिन माना जाता है, क्योंकि यह वह दिन है जब वे अपने खेतों में बुवाई का चक्र शुरू करते हैं।