पूरे देश में पिछले दस दिनों से चल रहे गणपति बप्पा मोरया के जोश ओर जुनून आज दसवें गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ के शोर के साथ आज गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन हो गया। हालांकि यह प्रथा भगवान गणेश अपने भ्राता कार्तिकेयन के निवास स्थल मुंबई महाराष्ट्र जाने के बाद से दस दिन प्रवास तक गणपति बप्पा की धूम रही फिर दसवें दिन विदाई के साथ समापन हो जाता है। लेकिन हमारे देश में नकल मारने का फैशन है। कोई भी काम देखा देखी या दूसरे बेहतर करने की होड़ या कई कारणों से पूरे देश में मनाया जाने लगा। जो भी इससे कई लोगो के लिए रोजगार का साधन जुट गया, फिर चाहे मूर्तिकार हो या कलाकार, इससे कई छोटे बड़े लोगो का व्यापार चलने लगा। मुंबई के लाल बाग का राजा की धूम हो या सिद्धिविनायक मंदिर का जलवा, गणपति का महत्व और गणेश चतुर्थी पूरे देश में जोर शोर से मनाई जाने लगी।
ईश्वर को पूजना ओर भजना अच्छी बात है लेकिन दूसरों नकल करते करते उत्तराखंड के लोग भी गणपति उत्सव के बाद विसर्जन की गलत परम्परा पर आगे बड़ने लगे। हिमालय पर्वत श्रृंखला और उससे लगे छेत्र गणपति जी का निवास स्थल है पूरे शिव परिवार का गृह छेत्र है ऐसे में गणपति के अपने घर वापसी पर विसर्जन नही स्वागत किया जाना चाहिए भले ही एक दिन का उत्सव ओर अभिनंदन समारोह आयोजित किया जाए।
जब गणपति बप्पा कहीं गए ही नहीं तो अगले बरस जल्दी आ का क्या औचित्य व मतलब है देहरादून, हल्द्वानी या उत्तराखंडवासीयों के लिए। कब तक नकल और पेपर लीक जैसी घटनाएं रुकेंगी और हमारे देश के होनहार इस तथ्य को समझ पाएंगे और अपनी गलती सुधारेंगे।
इस मुद्दे पर विशेष चर्चा ओर प्रकाश डालने में हमारा पुरोहित और पंडा समाज ही सक्षम, जो पूरे समाज को, एक ही त्योहार दो दो दिन मनवा लेते हैं राम जानें किस हित को साधा जाता है ऐसे निर्णयों से।
खैर जो भी कल से पितृ पक्ष पूर्णिमा तिथि का सुभारंभ होने जा रहा है और 16श्राद्धों के माध्यम से अपने अपने पितरों को पूजने उनकी याद में दान पुन कर पितरों के आशीर्वाद से खुद के जीवन को संवारने का यह मौका, साल में एक बार आता है सो, नियम और श्रद्धा के पितृ तर्पण और श्राद्ध का पर्व मनाया जाए, हमारी शुभकामनाएं एवम नमन।
इस वर्ष गणपति विसर्जन के बाद चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है कई राशियों में अच्छा और बुरा प्रभाव डालेगा, भले ही यह ग्रहण हमारे देश में दिखाई न दे और शुतक न लग रहा हो परन्तु अपना प्रभाव जरूर छोड़ेगा, सो सभी पूरे ध्यान से, सम्मान के साथ सभी पर्वो को और परिस्थितियों खुश हो कर जीने की कोशिश करे।