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नीट परीक्षा के बाद अब यूजीसी नेट परीक्षा भी रद्द,मंत्री स्तीफा दे।

2014 से आजतक केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा आयोजित आधिकांश परीक्षा का पेपर लीक

एनटीए द्वारा नीट परीक्षा में जबरजस्त घपला,मगर केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र अव्वल तो किसी भी तरह घपले से इंकार करते रहे, मामला सर्वोच्च न्यायालय पहुंचा जब सभी परीक्षार्थी नीट रिजल्ट का विरोध कर धरने पर बैठ गए। मोदी के मंत्री धर्मेंद्र प्रधान किसी भी तरह की गड़बड़ी से इंकार करते रहे थे। ग्रेस मार्क्स देने के नाम पर NTA ने 24 लाख छात्रों के साथ जो कूटरचित धांधली की उसकी जिम्मेदारी लेते हुए उनका समर्थन कर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले भाजपा सरकार के केंद्रीय मंत्री को स्तीफा दे देना चाहिए। जिस तरह से एक ही एग्जाम कमरे के 15 छात्रों ने समान मार्क्स पा कर टॉप किया और ऐसा ही कई एग्जाम सेंटर में हुआ, नेगेटिव मार्किंग के बाद जितने मार्क्स नहीं दिए जा सकते थे उतने मार्क्स भी कई लोगो को देकर टॉप लिस्ट में शामिल हो गए, घपले पर सरकार के मोनी बाबा कुछ नहीं बोले उनके मंत्री भी घपलेबाजो के घोटाले को जानबूझकर क्लीन चिट देते दिखे। सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग प्रक्रिया जारी रखते हुए सिर्फ ग्रेस मार्क्स प्राप्त अभियार्थियो की दोबारा परीक्षा करवाने का आदेश जारी किया। मगर छात्र व परिजन भी इस महाघोटाले पर 24लाख छात्रो के भविष्य बचाने को पूरी परीक्षा दोबारा करवाने के लिए धरने पर बैठ गए।
भाजपा का साथ छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले के साथ, सरकार के मंत्री शिक्षा माफियाओं और घोटालेबाजों के साथ खड़े दिखे। मोदी सरकार में पीछले दस वर्षों से भ्रष्टाचार चरम पर है विशेषकर छात्रों के भविष्य एवम रोजगार के नाम पर, भाजपा की सरकार में मोदी कैबिनेट ऊंचे दुकान फीके पकवान कहना गलत नही होगा।
2014 से आज तक कोई भी रोजगार संबंधित परिक्षा हो या कोई अन्य परिक्षा केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, दलाल मंत्री और नेताओ के लालाओ के साथ गठजोड़ और इलेक्टोरल बॉन्ड का खेल प्रमोशन के चलते लीक होते रहे हैं, सरकार सो रही थी क्या? ऐसे कैसे पेपर लीक होते हैं हर स्तर पर जिम्मेदारी क्यूं नहीं तय है ये मोदी 1.0, मोदी 2.0 सरकार और अब एनडीए 1.0 सरकार की पूरी तरह से फेलियर है जो युवाओं के साथ ना इंसाफी भी है।
अभी नीट परीक्षा परिणाम का घोटाला ठंडा भी नहीं हो पाया था कि एक ओर NTA द्वारा आयोजित यूजीसी नेट 2024 परिक्षा भी गड़बड़ी की शिकायत के बाद रद्द कर दी गई है । इस मामले की जांच भले ही सीबीआई को सौप दी गई हो मगर केंद्रीय शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी तय क्यूं नहीं हुई, इस विफलता और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ और NTA के लिए स्टैंड लेने पर स्तीफा क्यूं नहीं..?

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