
प्रदेश कांग्रेस महामंत्री नवीन जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा स्नातक स्तरीय परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय यह स्पष्ट संकेत है कि सरकार अब जनदबाव में झुक चुकी है। बेरोजगार युवाओं की लगातार आवाज़, विरोध और कांग्रेस पार्टी के सतत संघर्ष ने अंततः सरकार को विवश किया कि वह परीक्षा रद्द करे।
जोशी ने कहा कि धामी सरकार का यह कदम उसकी विफल भर्ती नीति की स्वीकारोक्ति है। सरकार लगातार पारदर्शिता के दावे करती रही, लेकिन हकीकत यह है कि आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो चुके हैं। युवाओं ने सड़कों पर जो आंदोलन किया, वही असली लोकतंत्र की ताकत है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरू से ही इस बात पर अडिग रही है कि—
1️⃣ भर्ती घोटालों की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से कराई जाए।
2️⃣ दोषियों को किसी भी पद या प्रभाव से तुरंत मुक्त किया जाए।
3️⃣ आयोग को भंग कर एक नई, स्वायत्त और पारदर्शी भर्ती संस्था का गठन किया जाए।
नवीन जोशी ने कहा कि यह फैसला जनता के दबाव और विपक्ष की मजबूती का नतीजा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी युवाओं की आवाज़ बनकर आगे भी सड़कों से लेकर सदन तक संघर्ष जारी रखेगी। यह सिर्फ एक परीक्षा निरस्तीकरण नहीं, बल्कि बेरोजगार युवाओं के आत्मसम्मान की जीत है।






