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नहीं रहे सुप्रसिद्ध उद्योगपति रतन लाल टाटा, 86 वर्ष में दुनिया से अलविदा।

सच्चे देशभक्त उद्योगपति एवम समाजसेवी टाटा का निधन

  1. देश ने आज एक अनमोल हीरा खो दिया है जिसने सादगी के साथ पूरे विश्व में अपनी मेहनत और ईमानदारी से बिना किसी शोर शराबे और किसी दिखावे के बिजनेस टायकून, बिजनेस टाइटन, बिजनेस आइकॉन और सच्चे समाजसेवी के रूप में खुद को स्थापित किया। भारत रत्न के असली हकदार रतन टाटा ने पूरे विश्व में भारत का गौरव बढ़ाया है, आज 86 वर्ष की आयु में बीमारी के कारण दुनिया अलविदा कह दिया।

देश की हर तरक्की में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले समाजसेवी और आइकॉन उद्योगपति अब नही इस दुनिया में। 80 के दशक में रतन लाल टाटा, एयर इंडिया और टाटा समूह के चेयरमैन रहे। टाटा नमक की तरह ही लखटकिया कार नैनो, आम आदमी के घर तक पहुंचा कर करोडों लोगो का सपना पूरा करने वाले, सादगी से लबरेज़, दूरदृष्टि वाले, सरल व मृदु भाषी व्यक्तित्व के धनी देशभक्त रतन लाल टाटा आज पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके करोड़ों प्रशंसक और ओरिजनल फॉलोअर्स को प्रेरणा देने वाले समाजसेवी और आइकॉन ही नहीं पूरा देश ही उनके स्वर्गवास से दुखी है। हालाकि सभी राजनीतिक दलों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और बॉलीवुड जगत ने अपने अपने फायदे, आंकड़े अनुसार रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

1998 में पहली बार आधुनिक भारतीय पैसेंजर कार, टाटा इंडिका की लॉन्चिंग से व्हीकल इंडस्ट्री में कदम रखने वाले रतन लाल टाटा को भारी नुकसान के कारण टाटा मोटर्स बंध करने की तैयारी में थे लेकिन फोर्ड कंपनी अमेरिका में मजाक बनाए जाने के पश्चात टाटा ने बदला और अपनी यात्रा जारी रखी फिर टाटा मोटर्स ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और रोज नई इबारत लिखने लगा और देखते ही देखते जगुआर, रेंज रोवर जैसे ब्रांड को अपने समूह में शामिल कर लिया, वही फोर्ड टाटा के हाथो बिकने को मजबूर होने लगा। विदेशों में कई देशो की सरकार ने सुप्रसिद्ध उद्योगपति एवम समाजसेवी रतन लाल टाटा को सम्मानित किया, हाल ही में भारत सरकार ने भी पद्म भूषण से उनको नवाजा।

सभी न० -1 अमीर बनने के लिए बैचेन लालाओं और नेताओ के भ्रष्ट तंत्र के गठजोड़ से दूर रतन लाल टाटा, देश के गरीबों और युवाओं के लिए मिसाल थे, जिनकी बराबरी कर पाना किसी धन का प्रदर्शन करने वाले खुद को अमीरों की सूची में बनाने के लिए कई झूठ फरेब और सरकारी हेरा फेरी करवा कर, जनधन का दुरुपयोग करने वाले और आपदा को अवसर के रुप में भुनाने वाले लालाओं के के बूते की बात नहीं और जितनी धन संपत्ति देश को लूटने वाले व खुद को भारत/ एशिया/विश्व मे सबसे अधिक धन संपत्ति का दावा करनेवाले, दो चार व्यापारी व उद्योगपति के पास जितनी संपति है उससे कहीं अधिक दान रतन टाटा बिना किसी दिखावे के जनहित में अर्पित कर चुके हैं।

तभी देश ही नहीं पूरी दुनिया आज रतन टाटा की मृत्यु से आज दुखी है और उनके प्रति प्यार सम्मान के साथ सच्ची श्रद्धांजली और संवेदना प्रकट कर रही है। ऐसा नायाब हीरा रतन लाल टाटा का दुनिया से अलविदा होना, देश और समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है।

सही मायने में जो दुख अपनी नानी और पिताश्री के निधन से हुआ उसके बाद वैसा दुख महात्मा गांधी, मदर टेरेसा, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेई, किशोर कुमार, लता मंगेशकर, देश की सीमा पर शहीद होने वाले जवान और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के बाद अब रतन टाटा के लिए हुआ।
हमारी संस्थान की ओर से देश की धरोहर और आमजन के प्रेरणा स्त्रोत रतन लाल टाटा को भावभीनी श्रद्धांजलि और गहरी संवेदना।

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