DelhiDigital MediaE-magazineE-paperMagazineMediaNationalNewsNewspaperPoliticalUncategorized

Aam Janta Party India के उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह के विचार

भारत का खाया है नमक तो नमक-हलाल बनो
नागरिकों के साथ गद्दारी करके ना नमक-हराम बनो।
इन्कलाब! ज़िंदाबाद!
जीवन को जीना ज़िंदादिली का काम है,
मुर्दादिल क्या ख़ाक जीया करते हैं!
देशवासियों, अगर जनता के हक़ों की आवाज़ नहीं उठा सकते हो, तो, धिक्कार है तुम्हारे जीवन पर!
किसान, मजदूर, ड्राइवर देशभक्त, देशरक्षक हैं, इनके परिश्रम से ही मानवीय और सामाजिक जीवन-चक्र चलता है, और नेता, अफसर सबसे अधिक इन्हीं को कानूनी पचड़ों में फँसाते हैं!
महिलाएं समाज की जन्मदाता, पालक, और संभालने वाली है,
भ्रष्ट नेता, अफसर महिलाओं पर सबसे अधिक अपराध करते हैं!
एससीएसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक सबसे अधिक देशभक्त हैं,
देशद्रोही नेता, अफसर इन्हीं पर सबसे अधिक आपराधिक मुकद्दमों में दर्ज करते हैं! सरकारी और निजी कंपनियाँ भारत की जनता को लूटने का काम करती हैं,
देशद्रोही नेता, अफसर इन्हीं के लाभ के लिए कानून बनाते हैं!
तो, आप ही बताइए, इन देशद्रोही, भ्रष्ट नेताओं के साथ क्या सलूक किया जाना चाहिए?
याद रहे जनता के टैक्स से खरीदा डण्डा, जनता पर नहीं चलना चाहिए!
जनता के टैक्स से खरीदा असलाह बन्दूक, गोली, तोप, जनता पर नहीं चलना चाहिए!
जनरल डॉयर ने अपने देश के निहथ्हे बेकसूरों पर गोली चलने का आदेश भारतियों को ही दिया था, लेकिन भारत के गद्दार सैनिकों ने अपनों पर ही गोली चला दी थी।
जनरल डॉयर को तो शहीद उधम सिंह जी ने मार दिया, लेकिन जिन गद्दारों ने गोली चलायी थी उनको सजा क्यों नहीं मिली?
अगर पूर्व में, वर्तमान में या भविष्य में कोई भी जनरल डॉयर बनकर भारत के नागरिकों पर अत्याचार और अपराध करें तो जनता के साथ अत्याचार का आदेश दे और पुलिस या सैनिक जनता पर अत्याचार करे तो उसके साथ क्या सलूक होना चाहिए इसका जवाब जनता ही तय करे।
मेरे बस में होता तो मैं तो जनरल डॉयर का आदेश नहीं मानता और जनरल डॉयर को ही गोली मार देता, लेकिन अपने देश की जनता पर अत्याचार नही करता, क्योंकि जनता के टेक्स के पैसे से ही सारा देश चलता है, मैं कम से कम नमक-हराम नहीं हो सकता।
और मेरे अनुसार भारत का कोई भी देशभक्त सभ्य नागरिक अपने देश के नागरिकों के साथ नमक-हरामी नहीं करेगा।
कुछ नहीं करने से अच्छा मिलकर गा तो सकते हो?
तो आ जाओ मिलकर गाएँ!
भ्रष्ट नेता, अफसर जिए या मरे,
जनता को स्वराज चाहिए!
झूठा नेता, अफसर जिए या मरे,
जनता को रोजगार चाहिए!
चोर नेता, अफसर जिए या मरे,
जनता को रोटी चाहिए!
चरित्रहीन नेता, अफसर जिए या मरे,
पहनने को कपड़ा चाहिए!
क्रिमिनल नेता, अफसर जिए या मरे,
समय पर न्याय चाहिए!
अनपढ़ नेता, अफसर जिए या मरे,
निशुल्क प्रायोगिक शिक्षा चाहिए!
जातिवादी नेता, अफसर जिए या मरे,
निशुल्क उपयोगी स्वास्थ्य चाहिए!
धोखेबाज नेता, अफसर जिए या मरे,
किसानों को एमएसपी चाहिए!
देशद्रोही नेता, अफसर जिए या मरे,
जवानों को ओआरओपी चाहिए!
बेईमान नेता, अफसर जिए या मरे,
जनता को सभी सुख चाहिए!
देशद्रोही नेता, अफसर जिए या मरे,
जनता को देशभक्त नेता, अफसर चाहिए!
रिश्वतखोर नेता, अफसर जिए या मरे,
जनता को महंगाई नहीं चाहिए!
जनता की मांगें पूरी नहीं कर सकते जो नेता,
उन अकर्मण्य नेता, अफसरों को,
असंख्य जूतों का हार, दुत्कार, धिक्कार, देशद्रोही सा अपमान चाहिए।
चुनावों में जीत नहीं, जमानत-जब्त के साथ उम्रकैद चाहिए।”
इससे सहमति है कि जनता को सभी सरकारी सुविधाएँ समान रूप से मिलनी चाहिए, सोशल और गवर्नमेंट सुविधाओं का अधिकार केवल नेता और अफसरों का नहीं है। इस संदेश को साझा करना और उसे प्रोत्साहित करना आवश्यक है, ताकि जनता की आवाज़ सुनी जाए और समाज में न्याय और समानता की भावना बढ़े।
आम जनता पार्टी देश में सभी नागरिक सुविधाएँ ऑटोमोड में देना कहती है।
भारत के सभी नेताओं और अधिकारीयों को सभी सुविधाएँ ऑटोमोड में मिलती हैं।
लेकिन अकर्मण्य नेता, अफसरों की नमक-हरामी के कारण भारत के नागरिकों को सभी सुविधाएँ ऑटोमोड में नहीं मिलती।
क्योंकि कर्मण्य नेता, अफसर जनता को अपना मालिक नहीं अपना नौकर समझते हैं जबकि कर्मण्य नेता, अफसर जनता के नौकर हैं।
हम आम जनता पार्टी इंडिया के लोग अपने आप का जनता का सेवक मानते हैं और जनता से जनता की सेवा का मौका मांगने की अपील कर रहे हैं।
अतः जनता जनार्दन से अपील हैं कि समस्त भारत में जिस भी चुनाव में आम जनता पार्टी इंडिया के उम्मीदवारों को जिताने की अपील कर रहे हैं।
आम जनता पार्टी इण्डिया सभी स्थानों पर हैलीकॉप्टर के चुनाव निशान पर चुनाव लड़ने का साहस जनता के बल-बुते पर ही कर रही है।
क्योंकि आम जनता पार्टी इंडिया के उम्मीदवारों के पास जनता के आशीर्वाद के सिवा और कुछ नहीं है।
एनडीए और इंडिया गठबंधन या अन्य पार्टियों की तरह हमारे पास चुनावों पर फूंकने के लिए अवैध पैसा नहीं है।
और यह भी सर्व विदित है कि जो नेता और पार्टियां जनता को पैसा या शराब बाँटती हैं वो फिर जनता के लिए नहीं उनही लोगो के लिए काम करती हैं जिनसे उन्होंने जनता को देने के लिए पैसा और शराब के पैसे लिए होते हैं।
इस लिए अपने 77 वर्षों के अधिकार तो आप पैसे और शराब के बदले खो ही चुके हो तो क्यों ना एक बार केवा और केवल अपने और अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट डाला जाये।
तो देर ना करना पैसे देने वाले पार्टी और पैसे देने वाला उम्मीदवार नहीं देखना ईमानदार और नमक-हलाल उम्मीदवार को ही वोट देना।
लेखक सरदार चरणजीत सिंह चन्नी

संपादक- दैनिक रुस्तमेहिन्द
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष- आम जनता पार्टी इण्डिया 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
.site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}